प्रवासियों को वापस  बुलाने को फैक्ट्री मालिक दे रहे लालच, मजदूर आने को तैयार नहीं

प्रवासियों को वापस  बुलाने को उधोग मालिक दे रहे प्रलोभन … एसी टिकट बस सुविधा बोनस दिवाली गिफ्ट से भी नही रीझ रहे प्रवासी

लॉकडाउन लगते ही मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट टूटने लगा। जिसके चलते कोई जून तो कोई जुलाई में घर लौटने लगा। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। गोद में छोटे बच्चा, हाथ में थैला लेकर मजदूरों ने पैदल ही अपने गृह जनपद तक की यात्रा तय की। उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो झांसी, ललितपुर, महोबा, गोंडा, बहराइच, कुशीनगर, बस्ती, गोरखपुर, संतकबीरनगर और बलिया में सबसे ज्यादा मजदूरों की वापसी हुई थी। इस दौरान कई मजदूरों की मौत भी हो गई थी, लेकिन धीरे-धीरे अब जब कारोबार पटरी पर आने लगा है, तो मजदूरों को सुहाने ऑफर देकर वापस बुलाया जा रहा है।

मजदूरों को दिए जा रहे ये ऑफर

मजदूरों को वापस बुलाने के लिए उद्योगपति कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्हें रहने की अच्छी व्यवस्था का ऑफर दिया जा रहा है। साथ ही वेतन में बढ़ोत्तरी की जा रही है। बोनस की भी व्यवस्था की जा रही है। दीपावली पर परिवार को गिफ्ट देने का दावा किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था का भी ऑफर दिया जा रहा है।

ट्रेन के साथ-साथ भेजी जा रही बसें

यात्री मजदूरों के लिए ट्रेन के साथ-साथ बसें भी भेजी जा रही हैं। झांसी, ललितपुर, दतिया, टीकमगढ़ में भी मजदूरों को लाने के लिए बसें पहुंच रही हैं। सभी की कोशिश है कि दीपावली से पहले ही मजदूर आ जाएं तो बेहतर है। ताकि से उद्योग रफ्तार पकड़ सकें।

 

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