बगैर नियम कानून के चल रहे हैं जिले में प्राइवेट अस्पताल
सुल्तानपुर….(फायजा हॉस्पिटल )
सुल्तानपुर में प्राइवेट नर्सिंग होम ओं का अंबार लगा हुआ है, किसी अस्पताल मे कोई नियम कानून मायने नहीं रखता, ना तो इनका कोई मानक है न कोई नियम है। हॉस्पिटल के अंदर ज़ब देखा गया तो बगैर किसी अनुभव के प्राइवेट लड़के लड़कियां अस्पताल चला रहे हैं डॉक्टर का कोई पता नही है.। अस्पताल के अंदर ना तो कोई बोर्ड है और न ही डॉक्टरों का नाम, और न ही रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा गया है। बोर्ड में सिर्फ मर्ज का नाम दिखाई दिया। डॉक्टर का कोई नाम नहीं दिखायी दिया. बाहर बोर्ड देखा गया तो उसने सिर्फ अस्पताल का नाम और डॉक्टर सादिक अली का नाम लिखा था, मोबाइल नंबर के अलावा रजिस्ट्रेशन नंबर का कोई भी जिक्र नही है,। मरीजो के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। सारे मरीज धूप में बाहर परेशान हैं अंदर से दरवाजा बंद रहता है, फिर अस्पताल का कोई नियम कानून है चलाने का या नहीं, सारे लोग धूप में बाहर परेशान हैं । अंदर मरीज से बात किया गया तो बताया साहब मजबूरी है इलाज तो करवाना ही है। बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है सारे मरीज धूप में बाहर परेशान हैं, अंदर से दरवाजा सिक्योरिटी बंद किया है। आखिर अस्पतालों को चलाने के लिए कोई नियम कानूूूूूूून है या नही। ©