पशुपालन घोटाले के मामले मे आरोपी आईपीएस पर दर्ज FIR रद्द करने से हाईकोर्ट ने किया इंकार

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने पशुपालन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने प्राथमिकी रद्द किए जाने की मांग वाली याचिका पर अभियुक्त को तीन हफ्ते में अग्रिम जमानत अर्जी पेश करने की इजाजत देते हुए तीन सप्ताह तक उनके खिलाफ कोई उत्पीड़नात्मक कारवाई किए जाने पर रोक भी लगा दी है।

न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायामूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ यह आदेश अरविन्द सेन की याचिका पर दिया । याची ने अपने खिलाफ यहां हजरतगंज कोतवाली में भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 471, 120बी, 406, 420, 467, 468( धोखाधडी, आपराधिक साजिश रचने, अमानत में खयानत, जालसाजी, कूट रचना आदि) व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13 के तहत दर्ज एफआईआर को निरस्त किए जाने की गुजारिश की थी । मामले में कुछ देर की बहस के बाद याची की ओर से अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने से पूर्व कारर्वाई न किये जाने की मांग की । इस पर न्यायालय ने याची को तीन हफ्ते में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट देकर इस दौरान उसके खिलाफ कोई उत्पीड़नात्मक कारर्वाई न/न करने का निर्देश देकर याचिका को निस्तारित कर दिया।

 

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