शाहीन बाग के धरना प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई खरी-खोटी

दिल्ली : नागरिकता संसोधन कानून को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में हुए धरना प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. सड़क पर कई महीनो तक चले इस धरना प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की ऐसे धरना प्रदर्शन स्वीकर्य नहीं किये जा सकते है. कोर्ट ने कहा की अधिकारीयों को ऐसे धरना प्रदर्शनों पर कार्यवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लेकिन अधिकारियों को किस तरीके से कार्य करना है यह उनकी जिम्मेदारी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को रास्ता जाम कर प्रदर्शन रहे लोगों को हटाना चाहिए, कोर्ट के आदेश का इंतजार नही करना चाहिए.

कोर्ट के फैसले की मुख्या बातें

विरोध-प्रदर्शन के लिए शाहीन बाग जैसी सार्वजनिक जगहों का घेराव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चल सकते हैं.
शाहीन बाग को खाली करवाने के लिए दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी.
ऐसे मामलों में अफसरों को खुद एक्शन लेना चाहिए. वे अदालतों के पीछे नहीं छिप सकते, कि जब कोई आदेश आएगा तभी कार्रवाई करेंगे.

क्या थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उस याचिका पर आया है, जब अधिवक्ता अमित साहनी ने फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों द्वार बंद कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को खोलने की की मांग की थी. बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने करीब सौ दिनों तक कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को बंद रखा था, जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतें हुईं थीं.

 

Related Articles