ई स्टांपिंग नीति से राजस्व में होगी वृद्धि ए डीएम(वि /रा.
सुलतानपुर 29 सितम्बर/ अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) उमाकान्त त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की ई0 स्टाम्पिंग नीति से न सिर्फ स्टाम्पों नीति से न सिर्फ स्टाम्पों की छपाई, ढुलाई आदि खर्चों को कम किया गया, बल्कि इस नीति से राजस्व में वृद्धि हो रही है। इस क्रम में प्रदेश में कार्यरत समस्त स्टाम्प विक्रेताओं में से इच्छुक स्टाम्प विक्रेताओं को ए0सी0सी0(प्राधिकृत संग्रह केन्द्र) बनाया जा रहा है। अब तक 830 से अधिक स्टाम्प विक्रेताओं को ए0सी0सी0 बनाया जा चुका है। प्रदेश में स्टेट बैंक आफ इण्डिया व अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाओं द्वारा ई- स्टाम्प जारी किया जा रहा है। सरकार ने निबन्धन शुल्क को 02 प्रतिशत से घटाकर 01 प्रतिशत कर दिया है। इससे न सिर्फ अल्प एवं मध्यम आय वर्ग के लाखों लोगों को बचत हुई अपितु राज्य के राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुयी है। प्रदेश में जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुये स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा पंजीकृत लेखपत्रों का एक पेज का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस तरह का प्रमाण पत्र जानी करने वाला उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य हो गया है।
उन्होंने बताया कि सुलतानुपर के सभी उप निबन्धक कार्यालयों में जनता के लिये मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। निबन्धन शुल्क के आनलाइन मूल्यांकन की व्यवस्था होने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। उसी तरह अप्रयुक्त स्टाम्पों की वापसी हेतु आनलाइन व्यवस्था की गई है। देश में इस तरह की व्यवस्था करने वाला उ0 प्र0 दूसरा राज्य बन गया है। सरकार निबन्धन कार्यालयों को आधुनिकीकरण करा रही है, जिससे निष्पक्ष, पारदर्शी और जनोपयोगी कार्य हो किसी प्रकार का गलत कार्य न हो सके। संग्रहण केन्द्र के लिये इच्छुक लोग स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लि0 कि प्रार्थना पत्र देकर अभिकर्ता बन सकते है। संग्रहण केन्द्र के लिये लाइसेन्स का होना अनिवार्य है। जनपद सुलतानपुर में प्राधिकृत संग्रह केन्द्र बनाये गये है, जिसकी सूची उप निबन्धक कार्यालयों में चस्पा है।
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जिला सूचना कार्यालय सुलतानपुर द्वारा जनहित प्रसारित।