काला नमक को योगी सरकार का प्रोत्साहन, बढ़ा रकबा

केंद्र का प्रोत्साहन मिलने से बढ़ेगा रकबा और निर्यात

कालानमक पर लंबे समय से काम कर रहे और इन प्रजातियों को तैयार करने वाले डॉक्टर आर.सी. चौधरी ने बताया कि बेहतर होता कि केंद्र सरकार कालानमक को उन सभी जिलों बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज का ODOP प्रोडक्ट घोषित करती जिनके लिए इसे ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI टैग) मिला है, लेकिन शुरुआत अच्छी है. प्रदेश के साथ केंद्र सरकार का प्रोत्साहन मिलने से न केवल इसका क्षेत्र (Area) बढ़ेगा, बल्कि निर्यात (Export) की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.

काला नमक को योगी सरकार का प्रोत्साहन, बढ़ा रकबा

मालूम हो कि योगी सरकार (Yogi Government) कालानमक धान को सिद्धार्थनगर का ODOP घोषित करने के साथ ही इसके प्रोत्साहन का काम कर रही है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल (Navneet Sehgal) खुद सिद्धार्थनगर जाकर किसानों, उद्यमियों, स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं.

वाराणसी में स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र (International Rice Research Center) के साथ कालानमक के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर भी हस्ताक्षर कर चुकी है. सरकार के प्रयास से कालानमक का क्षेत्र (रकबा) भी बढ़ा है.

राज्य सरकार बनाएगी CFC, CM ने किया शिलान्यास

जिन जिलों के लिए कालानमक को GI टैग मिला है, उनमें खरीफ के मौजूदा सीजन में करीब 50 हजार हेक्टेयर में कालानमक बोया गया है. अकेले 10 हजार हेक्टेयर का क्षेत्र सिद्धार्थनगर में हैं. गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती और संत कबीरनगर में इसका क्षेत्र क्रमश: 9000, 8000, 5000 और 3000 हेक्टेयर है. अगले छह महीनों में प्रदेश सरकार सिद्धार्थनगर में कालानमक के लिए एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) भी तैयार करने जा रही है.|

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