गौ वध निवारण अधिनियम मैं किया गया प्रावधान … अवैध कारोबार के तहत पकड़ी जाने वाली गायों के लिए एक साल तक चारे का इंतज़ाम कर दिया गया है

गायो के चारे का खर्च भी उठाएंगे पकड़े गए आरोपी …..

गौ वध निवारण अधिनियम मैं किया गया प्रावधान …

अवैध कारोबार के तहत पकड़ी जाने वाली गायों के लिए एक साल तक चारे का इंतज़ाम कर दिया गया है.

गौवध निवारण कानून (Cow smuggling cow) के तहत यह कदम उठाया गया है. गायों की तस्करी करते हुए अब जो भी पकड़ा जाएगा वो एक साल तक गायों के चारे का इंतज़ाम करेगा.

नए कानून में इसका ज़िक्र किया गया है. केस का निपटारा होने या एक साल का वक्त पूरा होने तक गौतस्करी (Cow smuggling) के आरोपियों को पकड़ी गईं गायों के चारे के लिए खर्चा देना होगा. इतना ही नहीं अगर इस दौरान कोई गाय घायल मिलती है तो उसके इलाज का खर्च भी आरोपी ही उठाएगा

सरकार ने इसलिए उठाया यह कदम

यूपी से अच्छी गाय एवं गोवंशीय पशुओं का अन्य प्रदेशों में पलायन रोकने, श्वेत क्रांति का स्वप्न साकार करने एवं कृषि कार्यों को बढ़ावा देने के लिए यह ज़रुरी हो गया है कि गाय एवं गोवंशीय पशुओं का संरक्षण एवं परिरक्षण किया जाए. उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम, 1955 (यथासंशोधित) की धारा-8 में गोकशी की घटनाओं हेतु सात वर्ष की अधिकतम सजा का प्राविधान है.

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